मकर संक्रांति पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में
आने वाली 15 January, 2020 को मनाया जायेगा मकर संक्रांति का पवित्र त्यौहार तो इसी की जानकारी के लिए हम आपके लिए लायें हैं Makar Sankranti पर 10 Sentence in Hindi.
Makar Sankranti – मकर संक्रांति क्या है और क्यों मानते हैं-
मकर नाम से एक राशी है जिसे हम “मकर राशी” बोलते हैं|
संक्रांति का मतलब होता है- संक्रमण/आगे जाना/बढ़ना|
इस दिन सूर्य देव पीछे की राशि “धनु” को छोड़कर आगे की राशी “मकर” में प्रवेश करते हैं इसीलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है|
यह त्यौहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग- अलग नाम से जाना और मनाया जाता है-
ज्यादातर हिन्दू लोग इस त्यौहार को मानते हैं और मनाते हैं Makar Sankranti का ये पर्व सूर्य देव को समर्पित है|
पहले Makar Sankranti मनाने की एक ही निश्चित तिथि थी 14 January- जो कि अब 15 January कर दी गयी है
और कई जगहों पर इसे 13 January को ही मानते हैं|
Makar Sankranti 10 Sentence in Hindi
1- मकर संक्रांति के दिन लोग अलग-अलग पवित्र स्थलों पर जाते हैं और वहाँ पर दान, पुण्य, धर्म कार्य करने
के साथ – साथ पवित्र स्नान भी करते हैं |
2- मकर संक्रांति के दिन गंगा सागर का स्नान इतना महत्वपूर्ण और शुभ मन जाता है कि पश्चिम बंगाल तक लोग देश के
कौने- कौने से गंगा सागर स्नान करने जाते हैं और यही लोगों की भीड़ और श्रद्धा इस मेले को सबसे बड़ा मेला बनती है|
“गंगा सागर के लिए एक कहावत भी है- सब सागर बार- बार और गंगा सागर एक बार “
3- Makar Sankranti को इन नामों से भी जाना जाता है-
मकर संक्रान्ति- सूर्य देवता मकर में अपना प्रवेश करते हैं|
खिचड़ी- बिहार में इसे खिचड़ी के नाम से जाना जाता है क्यों कि इस दिन लोग दाल और चावल मिलाकर
खिचड़ी खाते भी हैं और दान भी करते हैं|
उत्तरायण- मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है,
इस दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध की और आने शुरू हो जाता है|
माघी, पौष संक्रान्ति, पोंगल, मकर संक्रमण, उझवर तिरुनल,शिशुर सेंक्रात
4- Makar Sankranti के दिन तिल, गुर, मूंगफली, गजक, चावल – खिचड़ी इत्यादि का दान और सेवन करते हैं|
5- महाभारत के महामहीम भीष्म पितामाह को इच्छा मृत्यु प्राप्त थी और जब वो अपनी तीरों की सय्यिया पर थे
तभी भी उन्होंने अपने प्राण नहीं त्यागे थे, उन्होंने अपने प्राण त्यागने का दिन मकर संक्रांति चुना था|
6- कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान
सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे|
7- मकर संक्रांति को लोग 13, 14, और 15 January को अपने – अपने अनुसार भी मानते हैं जैसे लोहरी और पोंगल|
8- इस पवित्र दिन पर काले तिल की बहुत मान्यता है क्यों कि सूर्य देव जब शनि देव से मिलने गए थे तब उनके पास केवल
काले तिल ही बचे थे तो उन्होंने काले तिल ही अपने पिता को अर्पण किये थे|
9- मकर संक्रांति के दिन बहुत से लोग उपवास भी करते हैं और अपने हिस्से का भोजन दान में देते हैं|
10- मकर संक्रान्ति के दिन किसान अपनी अच्छी फसल के लिये भगवान को धन्यवाद देकर अपनी अनुकम्पा
को सदैव लोगों पर बनाये रखने का आशीर्वाद माँगते हैं। इसलिए मकर संक्रान्ति के त्यौहार को फसलों एवं किसानों
के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है।
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