26 January के लिए ये Hindi Speech होगी बेहद ही शानदार
इस साल 2020, 26 January को हम सब 71 वां गणतंत्र दिवस मानाने जा रहे हैं, बहुत ही भाग्यशाली हैं हम सब कि इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर हम सभी देशवासी इस हर्ष के साक्षी हैं|
तो चलिए जान लेते हैं 26 January के बारे में कुछ खास बातें और 26 January की हिंदी स्पीच (Hindi Speech) के बारे में|
जनवरी 1950 महीने की कुछ खास बातें


- 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान को अपनाया गया।
- 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत को अपनाया गया|
- इसी दिन, 24 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया।
- 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर हुए|
26 January Speech in Hindi
मंच (stage) पर जाते ही………….
आज 26 जनवरी के शुभ अवसर पर सबसे पहले अपने देश के वीरों और स्वतंत्रता सेनानियों
को नमन करना चाहूँगा जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे देश को स्वतंत्र और
गणतंत्र बनाया|
नमस्कार मेरा नाम ……… है
मैं आज आए अतिथिगण, गुरु जन और मेरे प्यारे साथियों का स्वागत करता हूं अभिनंदन करता/ करती हूं और 71 वें गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता/ देती हूं|
आज के दिन में अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली और ख़ुशनसीब समझता/ समझती हूं कि मैं प्यारे भारत का एक हिस्सा हूं और इस देश में मैंने जन्म लिया क्यों कि भारत जैसी संस्कृति, प्रेम, भाषाएं, अपनापन किसी दूसरे देश में नहीं है, हमारा भारत अनमोल है|
अगर हम बात करते हैं आज के दिन 26 जनवरी की, क्यों मनाते हैं 26 जनवरी?
जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि आज के ही दिन 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान
हमारे देश में लागू किया गया था,
सुनने में कितना छोटा और साधारण और लगता है ना “संविधान” पर यकीन मानिए जिस दिन यह संविधान लागू किया गया था ना, उसी दिन हर भारतवासी को पुनर्जन्म दान किया गया था, उनकी ताकत उनकी आजादी सब वापस मिल गया था संविधान के लागू होते ही, इसलिए हम सब इस दिन बड़ा ही गर्व और फक्र महसूस करते हैं|
26 january speech के लिए गणतंत्र दिवस समारोह के बारे में जाने
इसी वजह से पूरा भारत इस दिन को एकजुट होकर इस पर्व को मनाता है हर विद्यालय और विश्वविद्यालय में आज के दिन हुए इस महान कार्यों के बारे में बताया जाता है स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन परिश्रम और उनके बलिदानों के बारे में बताया जाता है|
दोस्तों क्या आपको पता है कि हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है गणना की सबसे 450 अनुच्छेद है जो कि 24 भागों में बटे हुए हैं, 12 अनुसूचियां,एक प्रस्तावना तथा पांच परिशिष्ट हैं और अभी भी इसका विस्तार हो रहा है|
पर यह सफल तभी हो पाएगा जब हम सब अपनी अपनी ज़िम्मेदारी स्वयं समझेंगे, इसी बात पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने कहा है-
मैं महसूस करता हूं कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो, यदि वे लोग जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाए, खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान भी खराब सिद्ध होगा| दूसरी ओर, संविधान चाहे कितना भी खराब क्यों ना हो, यदि वे लोग जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाए, अच्छे हो तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा|
-डॉ भीमराव अम्बेडकर
तो हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिये की हम इस देश के लिए अपना योगदान कैसे करें, अगर हम अपने छोटे- छोटे लक्ष्य बनायेंगे और उन्हें पूरा करेगे फिर भी हम भुत योगदान करेनेगे अपने भारत के लिए
जैसे कि-
- अपने आसपास की सफाई के बारे में ध्यान रखना
- पेड़ पौधे लगाना
- यातायात नियमों का पालन करना
- भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाना आदि
तो ज्यादा समय न लेते हुए में अपनी वाणी को विराम देता हूँ, जय हिन्द! जय भारत! वन्दे मातरम!
26 January क्यों मानते हैं
Republic Day = गणतंत्र दिवस – प्रजातंत्र (मतलब लोग/जनता/देशवासी)
26 January 1950 को भारत भर में संविधान को लागू किया गया था, और देखा जाए तो असल में जनता को उसकी ताक़त और सत्ता को वापस किया गया था (Real transfer of Power in Hands of People).
1950 में 26 जनवरी का दिन बहुत ही ख़ुशी और जश्न मानाने का दिन था, कारण?
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- भारत को स्वतंत्रता मिलना और भारत का अपना संविधान बनाकर और लागू करना
एक बहुत बड़ी बात है और ये अपने आप में भारत के इतिहास में एक विशाल परिवर्तन था|
- भारत को स्वतंत्रता मिलना और भारत का अपना संविधान बनाकर और लागू करना
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- अगर यह विशाल परवर्तन ना आता तो भारत के भविष्य में उजाला न दिखता,
इस दिन के बाद से लोग अपने और अपनों के लिए एक सुनहरा और सुखमय भविष्य
देख पा रहे थे|
- अगर यह विशाल परवर्तन ना आता तो भारत के भविष्य में उजाला न दिखता,
26 जनवरी को 26 January के दिन ही क्यों मनाया जाता है
1929 में एक session हुआ था लाहौर में उस समय Indian National Congress ही सबसे बड़ी पार्टी हुआ करती थी और उस समय उसके अध्यक्ष थे पंडित जवाहर लाल नेहरु|
इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को
स्वायत्तयोपनिवेश (autonomous investment, “Dominion”) का पद नहीं प्रदान करती तो भारत खुद को पूरी तरह स्वतंत्र घोषित कर देगा|
26 जनवरी 1930 तक अंग्रेज सरकार से कोई जवाब नहीं आया उसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष
ने भारत को पूर्ण स्वतंत्र (पूर्ण स्वराज) घोषित किया|
स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस की तारीख
उस दिन से 26 जनवरी को ही भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता था फिर 15 अगस्त 1947
को वास्तविक स्वतंत्रता मिली
इसके बाद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 January 1950 को संविधान लागू
होने वाले दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा|
जानकारी- स्वायत्तयोपनिवेश (Dominion) का मतलब होता है?
अर्ध-स्वतंत्र (semi-independent), इसमें कोई भी देश अपनी सरकार बना सकता है
और rules and regulations बनाकर उसे चला भी सकता है पर………..
3 चीज़ों में दखल नहीं देगा – 1. विदेशी संबंध, 2. रक्षा और 3. संचार
(Foreign Relations, Defence and Communications).